चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मंगलवार को राज्य में चिकित्सकों की हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करते हुए आवश्यक सेवा अनुरक्षण (एस्मा)कानून लागू कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट किया, ‘‘हरियाणा में एस्मा लागू कर दिया गया है, अब 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे स्वास्थ्य कर्मी. यह कदम करोना की रोकथाम में बाधा डालने के लिए डॉक्टरों के एक समूह द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण उठाया गया है, क्योंकि हड़ताल के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाने में बाधा उत्पन्न हो रही थी.”
एस्मा कानून के तहत सरकार को यह अधिकार मिल जाता है कि वह जनहित में हड़ताल को गैरकानूनी घोषित कर सके. हालांकि मंगलवार को राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चिकित्सकों के हड़ताल के कारण प्रभावित रहीं. चिकित्सकों ने अपनी मांग को लेकर ओपीडी का संचालन स्थगित कर दिया था. चिकित्सकों की मांग है कि एमएस और एमडी चिकित्सकों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन किया जाए और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए.
सरकारी चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था हरियाणा नागरिक चिकित्सा सेवा संघ के राजेश शेवकंद ने कहा कि चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान केवल ओपीडी सेवा प्रभावित हुई, लेकिन आपातकालीन सेवाएं और कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान जारी रहा. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में चिकित्सकों को बहुत अहम भूमिका निभानी होती है खासकर मौजूदा संकटग्रस्त हालात में. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है. स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे विज ने कहा कि चिकित्सकों की मांग पर सैद्धांतिक तौर निर्णय ले लिया गया था, लेकिन वह हड़ताल पर चले गए
विज ने कहा, मैंने चिकित्सकों की मांग को स्वीकार कर लिया था और इसे मुख्यमंत्री समेत अन्य संबंधित विभाग को भेजा दिया था, मुख्यमंत्री के साथ कल बैठक के बाद से हमारा उनकी मांग के प्रति सकारात्मक रवैया रहा, मांगों को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है. ऐसा लगता है कि चिकित्सकों की हड़ताल के पीछे कोई और है जो कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध में बाधा डालना चाहता है, इसलिए एस्मा लगा दिया